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उधर प्रभार ले रहे थे श्रम मंत्री लखन, इधर गृह जिले में श्रमिकों पर लाठी चार्ज!

कोरबा। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के गृह जिले कोरबा के बालको में श्रमिकों पर लाठी चार्ज करने का हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। श्रमिकों का आरोप है कि टूल डाउन आंदोलन के दौरान वह बालको प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे थे। त्रिपक्षीय वार्ता जारी थी, इसी दौरान 2 जनवरी की शाम को पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया। श्रमिकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया है। जिसमें कुछ श्रमिकों को गंभीर चोट भी आई है। हालांकि श्रमिकों के इन आरोपों को बालको प्रबंधन और पुलिस दोनों ने ही सिरे से खारिज कर लाठी चार्ज की बात को मानने से इनकार किया है। 

श्रम मंत्री का प्रभार लेते ही लाठी चार्ज-

प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद 2 जनवरी को शासन के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग का चार्ज ले लिया। कोरबा विधानसभा से जीत दर्ज करने के बाद लखन लाल देवांगन को वाणिज्य, ऊर्जा एवं श्रम विभागों का दायित्व सौंपा गया है। 2 जनवरी की ही शाम को लखन लाल देवांगन अपने विभाग का प्रभार विधिवत तौर पर ले रहे थे। विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर परिचय प्राप्त कर रहे थे। श्रमिक संगठन के अनुसार ठीक इसी समय उनके गृह जिले के एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी बालको के प्रवेश द्वार पर श्रमिक पिट रहे थे।  आरोप है कि पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया। जबकि वह अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे।

एलटीएस को लेकर आंदोलन, इसी बीच हमें पीटा गया- 

श्रमिक संगठन बीएमएस जोकि भाजपा की अनुषांगिक श्रमिकों की संगठन है। इनकी अगुवाई में ही बालको प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन चल रहा था। श्रमिक 29 दिसंबर से ही टूल डाउन आंदोलन कर रहे हैं। 

“बीएमएस बालको के महासचिव हरीश सोनवानी ने बताया कि बालको प्लांट के भीतर 5 साल की अवधि पूरी कर लेने वाले मजदूर और कर्मचारियों को एलटीसी का लाभ मिलता है। लॉन्ग टर्म सर्विस के अंतर्गत कवर होने वाले कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष 12% का इंक्रीमेंट दिया जाता रहा है। लेकिन इससे घटकर 9 फिर 8 कर दिया गया है। जिन्हें एलटीएस किया गया है। वह भी  गलत तरीके से किया गया है। पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा है। 2 जनवरी की शाम को श्रमिक संगठन पुलिस और बालको प्रबंधन के मध्य त्रिपक्षीय वार्ता चल रही थी। इसी दौरान पुलिस ने हम पर लाठी चार्ज कर दिया। मुझे भी चोट आई है, मौके पर करीब 100 श्रमिक मौजूद थे। सभी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, चुंकि यह साप्ताहिक बाजार का दिन था। आम लोग भी वहां मौजूद थे। सभी को डंडे से पीटा गया। आम लोगों को भी चोट आई है, इस घटना के विरोध में हम विधिवत शिकायत भी करेंगे।

चल रही थी त्रिपक्षीय वार्ता, गेट से आने-जाने पर रोक

मौके पर सीएसपी कोरबा भूषण एक्का भी तैनात थे। जिन्होंने बताया कि “बालको में श्रमिकों का आंदोलन चल रहा था। त्रिपक्षीय वार्ता चल रही थी। हम व्यवस्था संभालने का प्रयास कर रहे थे। हम आंदोलनकारियों को समझाईश देने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें गेट से हटाने का प्रयास किया जा रहा था। इस बीच मजदूर और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की जरूर हुई है। 

लेकिन लाठी चार्ज जैसी कोई घटना यहां पर नहीं हुई है। जबकि बालको प्रबंधन की माने तो बालको प्लांट के भीतर आने-जाने में अवरोध पैदा कर दिया गया था। आंदोलनकारी गेट पर जमे हुए थे। भीतर से किसी को भी बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था, ना ही बाहर वालों को अंदर आने दिया जा रहा था। इससे स्थिति चिंताजनक हो गई थी।

सूचना यह भी है कि इस घटना के बाद आसपास मौजूद सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज को डिलीट भी करवाया गया है।