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*कोरबा: विवादित बयान से भड़का मसीही समाज, आदेश सोनी के खिलाफ शिकायत*

*कोरबा: विवादित बयान से भड़का मसीही समाज, आदेश सोनी के खिलाफ शिकायत*

*कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को भी सौंपा गया ज्ञापन*

कोरबा: ईसाई समाज के विरुद्ध आदेश सोनी के द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया फेसबुक पर किये जाने को लेकर समाज भड़क उठा है। नाराज मसीहीजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी एवं कटघोरा थाना प्रभारी को शिकायत आवेदन सौंपते हुए अपराध दर्ज करने की मांग की है।

 

कोरबा मसीह समाज के सदस्यों ने शिकायत आवेदन सौंपने उपरांत मीडिया को बताया कि आदेश सोनी नाम के व्यक्ति ने फेसबुक पर ईसाई समाज के विरुद्ध आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट किया है। पोस्ट के बयान में है कि- प्रतिदिन 50 से ज्यादा गौमाता केवल खाने के लिए छत्तीसगढ़ के पूरे ढाबे, होटल जितनी जगह भी मांसाहार भोजन सर्व होता है, उसमें से 80 प्रतिशत होटल में गौ मांस का मिश्रण किया जाता है। वहां जाने के बाद जो दृश्य समक्ष आए,उसने सोने नहीं दिए। मेरे अंदर इतना आक्रोश आ गया कि मै जा कर वध कर दूं उनका, किन्तु जैसे-तैसे अपने आप को संभाल कर तीन से चार दिन के लिए मौन कर लिया।
आदेश सोनी का कहना है कि हम दिन रात एक करके ट्रक को रोकते हैं तस्करो को पकड़ते हैं अपनी जान जोखिम में लगाते हैं और वहीं तस्कर जो पकड़ाता है, उसे कानून पांचवे दिन हंस कर निकलता है। मोदी जी को मै बहुत मानता था, केवल एक एैसे नेता थे जिनको अपने आदर्श के रूप में देखता था परंतु वह विश्वास डगमगा चुका है।
मौन व्रत के बाद जो आदेश वापस आया है वो संहार करना भी जानता है अब इनका संहार होगा, अब हम शांत नहीं बैठेंगे। गौ माता को काटने वालों को हम नहीं छोडेंगे, हम इनको दिखा के रहेंगे कि हम उनके पुत्र हैं, हमें जागना होगा। हमें उसको सबक सिखाना है हाथ तोड़ना है पैर तोड़ना है जो करना है हमको करना होगा तब जा कर इन अर्धमियों की आत्मा कापेगी इन्हे किसी चीज का भय नही है मौत का भैय तो होगा। एक सेना का विस्तार हो चुका है।
एक पोस्ट वीडियो में आदेश सोनी कहता है कि 1 मार्च 2025 को रायपुर से विश्राामपुर मात्र 63 किमी है हम कम से कम 5000 गौ सेवक सेविकाए वहां पहुच रहे हैं वहां पलायन कर रहे हैं। विश्रामपुर, जनकपुर, गणेशपुर यहां 4500 की जनसंख्या है लेकिन एक भी हिन्दु एक भी सनातनी वहां नही है केवल और केवल ईसाई भरे हैं। वहां क्यों इतना भेद भाव है कि हमारा गला काट दिए तो गला है, उनका गला काट दिए तो उनको पशु की श्रेणी में गिना जाता है। धिक्कार है मनुष्य पर जो इनको पशु मानता है। इसकी समानता कब आएगी?

*ऐसा बयान वैमनस्यता फैलाने वाला*

मसीहिजनों ने कहा है कि आदेश सोनी का यह बयान ईसाई समुदाय के खिलाफ घृणा पैदा कर रहा है। वैमनस्यता और हिंसा फैलाने के इरादे से सोचा समझा बयान है। उक्त वीडियो में यह आरोप है कि बिश्रामपुर, गणेशपुर और जनकपुर में प्रतिदिन सैकड़ों गायों का वध किया जा रहा है जिसके लिए समस्त ईसाई समुदाय जिम्मेदार है। बयान को बल देने के लिए कोई भी साक्ष्य या गवाह नहीं है। केवल मनगढ़ंत अफवाहों पर अधारित है। जो भी कहा है वो बदनियती से कहा गया सफेद झूठ है। समाजों को आपस में लड़वाने की बदनियत है। बताए गए गांवों के निवासियों के मन में भय पैदा करने के इरादे से किया है।

*वहीं विजय मेश्राम ने कहा कि* – आदेश सोनी का यह बयान ईसाई समुदाय के खिलाफ घृणा पैदा कर रहा है। आदेश सोनी ने बयान देकर देश को विभाजित करने, ईसाई धर्म के प्रति नफरत फ़ैलाने, सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने, आपसी सौहार्द बिगाड़ने, एक धर्म विशेष के विरुद्ध दुष्प्रचार करने, लोक शांति भंग करने का काम किया है। जिसके विरुद्ध प्रशासन को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

*सरकार पर भी लांछन लगाया है*

आदेश सोनी ने देश द्रोह का भी काम किया है। गांव बिश्रामपुर, गणेशपुर और झनकपुर में 100% ईसाई आबादी वाले गांव हैं,जो बीफ खाने के लिए गौ वध करते हैं। पूरे ईसाई समाज के प्रति घृणा पैदा करता है। पुलिस अपना काम नहीं करती, इसलिए आदेश सोनी कानून को अपने हाथों में लेगा, पुलिस को बाद में देखेगी। भारतीय कानून व्यवस्था में नागरिकों का भरोसा खत्म करता है,कानून नहीं मानने का आव्हान कर रहा है, तथा भारतीय नागरिकों को कानून अपने हाथों में लेने को उकसा रहा है। आदेश सोनी ने 5000 की सेना बना ली है। निजी सेना बनाना देशद्रोह है। देश की सुरक्षा व्यवस्था के प्रति नागरिकों के मन में अविश्वास पैदा कर रहा है। आदेश सोनी ने घोषणा की है की उसकी सेना को छत्तीसगढ़ सरकार का सहयोग और समर्थन मिलेगा। पूरी छत्तीसगढ़ सरकार पर लांछन लगा कर चुनी हुई सरकार को कमजोर करने का प्रयास किया है।
*उच्चतम न्यायालय भी सख्त है ऐसे मामलों में*

मसीहिजनों ने बताया कि भारत सरकार के उच्चतम न्यायालय ने अश्वनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ WPC No. 940/2022 में 28 अप्रैल 2023 में आदेश पारित कर प्रत्येक राज्य के DGP को नफरत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ स्वप्रेरणा अपराध आईपीसी धारा, 153(अ), 153(ब), 295 (ए) तथा 505 मामले दर्ज कर कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यह भी आदेश दिए हैं की कार्रवाई करने में किसी भी तरह की हिचकिचाहट दिखाई देने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। कोरबा मसीह समाज ने एफआईआर दोषियों के विरुद्ध पंजिबद्ध कर विधीवत कार्यवाही की मांग की है।