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सीएम और डिप्टी सीएम के ऐलान से बीजेपी ने हर वर्ग को साधने का किया प्रयास, लोकसभा पर नज़र

रायपुर। सोशल इंजीनियरिंग जैसा यदि कोई सब्जेक्ट अस्तित्व में होता, तो निश्चित तौर पर इसका सिलेबस बीजेपी के नेता ही लिखते। छत्तीसगढ़ में बुधवार को सीएम साथ दो डिप्टी सीएम ने शपथ ली है। यह पहला अवसर है, जब छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में दो-दो डिप्टी सीएम बनाये गए हैं। अब बीजेपी ने इस दांव के जरिए किस तरह से हर वर्ग को साधने का प्रयास किया है। यह भी समझिये विष्णु देव प्रदेश के कद्दावर आदिवासी लीडर है। सांसद भी रहे हैं, अब विधायक बनकर उभरे हैं। उस क्षेत्र से आते हैं, जहां से दिलीप सिंह जूदेव ताल्लुक रखते थे। 

जूदेव ने बीजेपी की फ्लैगशिप स्कीम घर वापसी कार्यक्रम चलाया था। यहां से आने वाले एक आदिवासी लीडर को पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने सीएम बना दिया। 

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को साधने के साथ आने वाले समय में झारखंड राज्य के चुनाव में भी आदिवासियों को रिझाने का प्रयास किया गया है।

अरुण साव को डिप्टी सीएम बनाना भी सोची समझी रणनीति है। वैसे तो वह सीएम पद के उम्मीदवार थे। लेकिन डिप्टी सीएम बना दिये गए, छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक जनसंख्या पिछड़ा वर्ग समुदाय की ही है। अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष थे, बिलासपुर संभाग से आते हैं। बीजेपी ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाकर ओबीसी समुदाय को संतुष्ट करने का प्रयास किया।

बीजेपी हिंदुत्व बुनियाद पर खड़ी की गई पार्टी है। इसलिए हिंदू कार्ड खेलने से भी बीजेपी नहीं चुकी कवर्धा विधानसभा से मोहम्मद अकबर को 40 हजार वोट से पस्त करने वाले विजय शर्मा को भाजपा ने डिप्टी सीएम बना दिया। इस निर्णय ने सभी को चौंका दिया, राजनीतिक पंडित हों या बीजेपी के ही बड़े नेता। पहली बार जीत कर सदन में पहुंचे विजय शर्मा नाम सुनकर सभी चौंक गए। जिन्हें डिप्टी सीएम बनाना बीजेपी का एक मास्टर स्ट्रोक भी है। दरअसल कुछ समय पहले कवर्धा में हिंसक झड़प हुई रहा। 

दरअसल कुछ समय पहले कवर्धा में दो समुदाय आमने-सामने थे। विजय शर्मा को कट्टर हिंदू नेता माना जाता है। जिन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर तुष्टीकरण की राजनीतिक का आरोप लगया, विरोध किया। कांग्रेस की सरकार में विजय शर्मा को जेल तक जाना पड़ा। भाजपा ने उन्हें इसका इनाम दिया। विजय शर्मा छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम बन गये। वह सामान्य वर्ग से आते हैं। सवर्ण वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी ने शर्मा का नाम आगे किया। जातिगत समीकरण पूरी तरह से संतुलित करते हुए पहले तीन लोगों को शपथ दिलवाई है।

हॉरर फिल्म की तरह सस्पेंस

बीजेपी ने एक सीएम और दो डिप्टी सीएम को तो शपथ दिलवा दी है। लेकिन मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाएगा, कौन मंत्री बनेगा, कौन सिर्फ विधायक रहेगा।

इसकी घोषणा फिलहाल नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ में विष्णु देव सरकार की शुरुआत हो चुकी है। इस युग का आरंभ हो चुका है। लेकिन विष्णु कैबिनेट में मंत्री कौन होंगे। इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। इसकी पटकथा भी मोदी और शाह की जोड़ी लिख चुके हैं। लेकिन सस्पेंस से पर्दा नहीं उठा है। लोगों में किसी हॉरर फिल्म के क्लाइमेक्स से भी ज्यादा सस्पेंस पैदा हो चुका है। अभी सस्पेंस कब तक बना रहेगा, इसका पता आने वाले कुछ समय में ही लगेगा। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दो से तीन दिनों के भीतर विष्णु कैबिनेट की घोषणा भी कर दी जाएगी।