आज वन अधिकार जन जागरूकता अभियान के तहत ग्राम मोरगा में आयोजित कार्यक्रम में पोड़ी उपरोडा ब्लॉक के 17 गाँव के सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया ।

आज वन अधिकार जन जागरूकता अभियान के तहत ग्राम मोरगा में आयोजित कार्यक्रम में पोड़ी उपरोडा ब्लॉक के 17 गाँव के सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया ।
(Blueink.in) सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए शोधकर्ता डॉ. ऋषिकांत चौधरी ने पोड़ी उपरोडा ब्लॉक के 18 गाँव से आए ग्रामीणों और वन संसाधन प्रबंधन समिति के सदस्यों का परिचय देते हुए कार्यक्रम मुख्य अतिथि आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त महोदय श्रीकांत कसेर जी का स्वागत किया गया । उन्होंने पोड़ी ब्लॉक के 17 गांव में सामुदायिक वन संसाधन के दावो की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए संस्था द्वारा प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया ।
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त महोदय श्रीकांत कसेर ने प्रबंधन समिति के गठन से लेकर कार्ययोजना बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया और सामुदायिक संसाधन के बेहतर प्रबंधन से हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकते है । उन्होंने आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित धरती आबा जन जातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के बारे में बताया और विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजना का लाभ लेने के लिए 27 जून 2025 को केंदई में आयोजित शिविर में आवेदन करने जानकारी दी ।
ग्राम पतुरियाडांड के पूर्व सरपंच श्री उमेश्वर सिंह आर्मो ने बताया कि वन अधिकार कानून की प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात एक लंबे इंतेजार के बाद हमारे क्षेत्र के 17 गांव को सामुदायिक वन संसाधन का अधिकार पत्रक मिला और अब हम अपनी ग्राम सभा को और शासक्त करने हेतु प्रबंधन की ओर आगे बढ़ रहे है । हम अपने वन संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर आस पास के गाँव से पलायन को कम किया जा सकता है ।
ग्राम खिरटी से शकुंतला एक्का ने कहा की हम इस जंगल पर पीढ़ियो से निर्भर है और यह जंगल हमारी हर जरूरत को पूरा करता है हमारे जंगल में विभिन्न प्रकार के जड़ी बूटी, लघु वन उपज और वन्य प्राणी मौजूद है लघु वन उपज से हमारी पूरी आजीविका जुड़ी है । जंगल हमारे लिए एक एटीएम की तरह है । हम अपने जल जंगल और जमीन की सुरक्षा और प्रबंधन वन अधिकार कानून में निहित प्रावधान 3(1)(झ) के तहत करेंगे । इसिलये अब हमने तय किया है कि हम अपने गांव की वन संसाधन प्रबंधन समिति को और मजबूत करते हुए अपने जंगल की सुरक्षा और प्रबंधन करने की प्रतिज्ञा लेते है ।
वन संसाधन समितियों द्वारा उनके जंगल में पाए जाने वाले जड़ी बूटी, कंद मूल, फल, महुआ, साल, हर्रा इत्यादि बीज का प्रदर्शनी लगा कर क्षेत्र की जैव विविधता को दर्शाया । आज के कार्यक्रम में पोड़ी ब्लॉक के 7 ग्राम पंचायत के 17 गांव से लगभग 150 से अधिक ग्रामीण उपस्थित रहे ।
भवदीय
सामुदायिक वन प्रबंधन समिति फेडरेशन (पोड़ी उपरोड़ा)
खिलेश्वरी तंवर, सरपंच, मोरगा, तहसील पोड़ी उपरोड़ा, जिला कोरबा
बजरंग पैकरा, पूर्व जनपद सदस्य, गिद्धमूड़ी.