चावलानी की बदनामी से किसका फायदा… आखिर कौन है वायरल वीडियो षड्यंत्र का मास्टरमाइंड?

चावलानी की बदनामी से किसका फायदा… आखिर कौन है वायरल वीडियो षड्यंत्र का मास्टरमाइंड?
(Blueink.in) कोरबा। “राजनीति शरीफों के लिए नहीं है”, “पद पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं”
यह कहावतें जितनी पुरानी हैं, उतनी ही सटीक। पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाली संजू देवी राजपूत के मेयर पद पर ताजपोशी के बाद अब छत्तीसगढ़िया सभापति की बात क्यों हो रही है?
आखिर यह शिगूफा मार्केट में क्यों छोड़ा गया है?
छत्तीसगढ़ियावाद की दुहाई तो दी जाती रही है। लेकिन मेयर बनने का अवसर एक एक पूर्वांचली महिला को मिला।
तो क्या अब डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है, और इसलिये छत्तीसगढ़िया सभापति का मुद्दा उछाला जा रहा है।
पता नहीं क्यों लोकल वर्सेस बाहरी का मुद्दा खत्म ही नहीं होता, राजननैतिक दल एक काबिल नेता नहीं, बल्कि जातिगत समीकरणों को साधने वाला चेहरा चुनते हैं।
सभापति की कुर्सी फिलहाल कोरबा में हॉटसीट बनी हुई है। जीतकर आये सभी दिग्गज इस कुर्सी को हथियाना चाहते हैं।
एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। ऐसे में कोरबा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया गया, खबरें भी तैर रही है, जिसमें वह पूर्व कांग्रेसी मंत्री की तारीफ कर रहे हैं।
लेकिन सवाल यह है कि अचानक यह वीडियो मार्केट में कहां से आया? इस तरह से चावलानी की फजीहत कराने का आईडिया किसका है? वीडियो को वायरल करवाने के पीछे षड्यंत्र की बू आ रही है? इससे फायदा किसका होगा और क्या सच में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा इस हद तक रसातल में पहुंच चुकी है?
खुद को दुनिया की सबसे अनुशासित पार्टी बताने वाले नेता ही आपस में कुर्ताफाड़ प्रतियोगिता मचाये हुए हैं। जवाब मिले या न मिले सवाल तो कई सारे हैं।