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मंत्री लखन लाल देवांगन के निज सचिव नरेंद्र पाटनवार पर बिना अनुमति पेड़ काटने का आरोप

मंत्री लखन लाल देवांगन के निज सचिव नरेंद्र पाटनवार पर बिना अनुमति पेड़ काटने का आरोप

महज धूप की गर्मी लेने के लिए कई दशक पुराने हरे भरे पेड़ों को कटवा दिया गया।
ए”क तो चोरी उपर से सीना जोरी” वाली कहावत तो आप लोगो ने सुनी ही होगी। ऐसी कहावत क्यों गढ़नी पड़ी ये इस वीडियो और खबर को देख सुन जरूर जान जायेंगे।

दोस्तों कोरबा के रहने वाले लोग अप्पू गार्डन के पास स्थित CSEB ऑफिसर कॉलोनी को जरूर देखे होंगे,
उक्त ऑफिसर कालोनी के तरफ आप अगर जाएंगे तो आपको ऐसा लगेगा मानो कोरबा के कोलाहल और प्रदूषण से आप हरियाली की तरफ आ गए है, कालोनी में सैकड़ों बड़े बड़े पुराने हरे भरे पेड़ दिखेंगे, उन पेड़ो पर आपको पक्षियों के चहचहाट उनके घरौंदे और इधर उड़ने उछल कूद करती गिलहरियां भी जरूर देखने को मिलेगी। आपको वहां थोड़ा बहुत प्रकृति की खूबसुरती और घने जंगल का एहसास होगा, क्यों कि वहां कालोनी के पूरे घरों में घने पेड़ नजर आते है।

दोस्तों अभी दो दिन पहले वहां कालोनी के एक मकान में रहने वाले नरेंद्र पाटनवार ( प्रदेश सरकार के यशस्वी वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन जी के निज सचिव) के द्वारा उन्हें आबंटित मकान के खाली जगह में कई दशक पुराने हरे भरे, बड़े बड़े पेड़ों को महज धूप की गर्मी पाने के लिए बेदर्दी से कटवा दिया गया, कुछ पेड़ों के टहनियों को तो पूरी तरह छंटाई करते हुए ठूंठ बना दिया गया।
पेडी को बेदर्दी से काटते देख वहां उपस्थित पर्यावरण और जीव जंतु सेवा संरक्षण के सदस्यों द्वारा पेड़ को काटने पर आपत्ति जताई गई तो उनके और उनके कुछ सहयोगियों के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया और अपशब्द भी कहे गए। यहां तक कि धमकी भी दी गई कि पेड़ तो कटेगा जो करना है कर लो जहां शिकायत करना है कर लो ।
लोगो के द्वारा कोरबा वन विभाग रेंज कोरबा के वानकर्मियों को पेड़ कटाई की जानकारी दी गई , वहां कुछ कर्मचारी मौके पर आए भी लेकिन मकान के नेम प्लेट में लिखा नाम और पद (नरेंद्र पाटनवार, निज सचिव, लखन लाल देवांगन, वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री छ. ग. शासन) देख कर बिना कुछ कहे बैगर कोई कार्यवाही किए बैरंग वापस लौट गए।
दोस्तों एक पेड़ लगाने के बाद उसे बड़ा होने मै कई साल लग जाते लेकिन महज निजी स्वार्थ के कारण पेड़ो की बलि दे दी जाती है।
सरकार में रहने वाले नेता, मंत्री, पदाधिकारियों और उनके सहायकों की तो ज्यादा जिम्मेदारी होती है कि वो जंगल को, पर्यावरण को बचाए रखने के लिए पेड़ों को काटने से रोकें लेकिन जब वो खुद इसमें लिप्त हो जाए तो फिर दूसरे को क्या कहेंगे।
एक तो मंत्री जी के निज सचिव नरेंद्र पाटनवार के द्वारा महज धूप का आनंद लेने के लिए हरे भरे पेड़ों को कटवाया गया और विरोध करने पर जो करना है कर लो कहते हुए धमकी भी दिया गया ऐसे आचरण को ही चोरी ऊपर से सीना जोरी कहा गया है।
इस संबंध में हमारे द्वारा श्रीमान जिलाधीश महोदय कोरबा और वन मंडलाधिकारी कोरबा को लिखित में साक्ष्य सहित शिकायत किया गया है। हमारे द्वारा एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाया गया अब देखना है संबंधित विभाग या अधिकारी इस पर क्या कार्यवाही करते है।
इस पोस्ट में मौके का वीडियो है आप देख सकते है, और कॉमेंट बॉक्स में कुछ फोटो और शिकायत की प्रति सलंग्न है।
एक पेड़ मां के नाम का अभियान चलाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि पहले से लगे हुए पेड़ों को बचाना जायदा जरूरी है।